सोमवार, 29 मई 2017

एक शेर:कवि शिव इलाहाबादी(ek sher :kavi shiv allahabadi )

एक शेर:-

मै आफताब हूँ ,मुझे बुझाने का खौफ न दिखा !
जमाने मे जीना सीख लिया है मैने,मुझे इसके वसूल न सिखा !

कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
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