गुरुवार, 8 सितंबर 2022

तुम मेरे गीत का मुख्य आधार हो कैसे तुम बिन कथानक ये हो पाएगा Tum mere Geet ka mukhya Aadhar Ho kaise Tum bin

 श्रृंगार गीत


तुम मेरे गीत का मुख्य आधार हो

कैसे तुम बिन कथानक ये हो पाएगा

वो मिलन की घड़ी है अधूरी अभी

चांद दीदार बिन कैसे डर जाएगा 

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याद है आज भी प्यार की वो घड़ी

अंक में लेके जब तुमको बैठे थे हम 

टिपटिपाती हुई बूंद बारिश की थी 

गंध माटी की सोंधी थी खोए थे हम

तुम अकिंचन हमारे गले लग गए

कैसे मानस पटल से वो हट पाएगा


तुम मेरे गीत का मुख्य आधार हो

कैसे तुम बिन कथानक ये हो पाएगा


अनगिनत बंदिसे थी हवाओं में भी

पर बिरह ने निकटता को पहचान दी

रीति झूठी धरी की धरी रह गई

मूर्तियां रह गई मूर्ति पाषाण की 


छंद तुम संग अनूठे गढ़े प्रेम के

कैसे धूमिल अचानक वो हो पाएगा

तुम मेरे गीत का मुख्य आधार हो

कैसे तुम बिन कथानक ये हो पाएगा।


Copyright @ShivAllahabadi