मेरी एक नवीन रचना से कुछ पंक्तियाँ:-
मेरा दर्द फसाना बनकर,
प्रेम कहानी लिख देगा!
लिखा न होगा अब तक जो भी,
ऐसी वाणी लिख देगा !
भटक रहे थे दर-2 कल जो,
आज बने हैं वो राजे !
लेकिन मै हूँ अब भी राही,
राह निशानी लिख देगा !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
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