शुक्रवार, 23 जून 2017

मोहब्बत पर एक नवीन रचना :कवि शिव इलाहाबादी(kavi shiv allahabadi)

अपनी एक नवीन रचना से कुछ पंक्तियाँ:-

मोहब्बत कर नही सकता
जो तनहाई जिया न हो !

जहर का जख्म क्या जाने
जहर जिसने पिया न हो !

समय के साथ अक्सर लोग
सब कुछ भूल जाते हैं !

वो कीमत समझेगा क्या रोशनी की,
जो' दिया'(दीपक)  न हो !

कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
mob-7398328084
All Rights Reserved@kavishivallahabadi
ब्लाग-www.kavishivallahabadi@blogspot.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें