रविवार, 18 जून 2017

पिता के लिये लिखी कविता -कवि kavi shiv शिव allahabadi इलाहाबादी

पिता की छाँव रूपी सुरक्षा कवच को बताती मेरी ये रचना :-

कि उसके छाँव मे हरदम सुकूँ
महसूस करता हूँ  !

पिता के साथ मै दरिया मे भी,
महफूज रहता हूँ !

नही चिंता सताती न मुझे,
कोई फिकर होती !

कि अपनी जिन्द्गी का मै मजा,
भरपूर करता हूँ !


कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
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