अपने एक मित्र के शेर के लिये लिखा एक शेर :-
काश तुम नाम भी लिखती
तो उन तक बात तो जाती !
भला होता अगर चाहत तेरी
मंजिल को जा पाती !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
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