बुधवार, 21 जून 2017

प्यार मे गुमनामी पर एक शेर : कवि शिव इलाहाबादी (kavi shiv allahabadi )

अपने एक मित्र के शेर के लिये लिखा एक शेर :-

काश तुम नाम भी लिखती
तो उन तक बात तो जाती !

भला होता अगर चाहत तेरी
मंजिल को जा पाती !

कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
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