अदाओं को तेरी गजल लिख रहा हूँ !
अदाओं को तेरी गजल लिख रहा हूँ,
के गालों को तेरे कमल लिख रहा हूँ !
जो चेहरे पे तेरे लबों की हँसी है !
उन्हे देखकर आजकल लिख रहा हूँ !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
mob-7398328084
All Rights Reserved@kavishivallahabadi
ब्लाग-www.kavishivallahabadi@blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें