नक्सलवादियों द्वारा सीआरपीएफ़ जवानो के ऊपर किए गए कायराना
हमले से व्यथित होने पर मेरे प्रतिक्रिया स्वरूप लिखी मेरी ये पंक्तियाँ:-
अब मैं अश्के नीर लिखूंगा,
भारत की तस्वीर लिखूंगा।
तड़प रही उस माँ की ममता,
पत्नी का सिंदूर लिखूंगा।
जख्मी वीर के दिल की बीती,
घायल का हर पीर लिखूंगा।
मर मिटता है वतन पे
अपने जो,
अब मैं हर वो वीर लिखूंगा।
एक विधवा का दर्द सुनाता,
पितृहीन तकदीर लिखूंगा।
त्याग के सब कुछ डटा हुआ मै,
अब सीमा पर वीर लिखूंगा।
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
मो.-7398328084
All Rights Reserved@kavishivallahabadi
ब्लॉग-www.kavishivallahabadi.blogspot.com
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