सोमवार, 17 अप्रैल 2017

Lekhani ki taakat:-kavi shiv allahabadi(लेखनी की ताकत:कवि शिव इलाहाबादी )


मेरा ये नवीन मुक्तक मेरे सभी साथियों को समर्पित :-



मेरी कलम की स्याह तेरा रूप लिख देगी।

अगर ये चाह लेगी छांव को भी धूप लिख देगी।

ये न सोचो फकत शब्दों को ही हम बांध सकते हैं।

कि है भूखी तड़प ये कागजों पे भूख लिख देगी।


कवि शिव इलाहाबादी "यश"

कवि एवं लेखक

Mob-7398328084

(All Rights Reseved@kavishivallahabadi)

Blog-www.kavishivallahabadi.blogspot.com

 

 


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