सामाजिक दरिन्दो से खुद को बचाने की कोशिश करती लड़कियों को समर्पित :-
बचाना ही नही काफी, उन्हे दुत्कारना होगा !
जो खूनी हैं दरिन्दे उनको भी अब मारना होगा !
नही आसान होगा अब महज लक्ष्मी बने रहना !
कि बनके लक्ष्मीबाई उनको यूँ धिक्कारना होगा !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
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