शुक्रवार, 14 जुलाई 2017

आखिर गरीबी जातिगत क्यो : आखिर ये दोहरे चरित्र की राजनीति कहाँ तक जायज है ?

गरीबी जाति बता कर नही आती ! फिर गरीबी का जातिगत आकलन कितना जायज है ! आपकी  राय अपेक्षित है :-

आतंकी का धर्म नही है
फिर गरीब की जाती(जाति) क्यो ?

इस दुनिया को नर्क बनाने
की दोहरी परिपाटी क्यों ?

कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
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