गुरुवार, 17 मई 2018

Sitaron aur गर्दिश par sher

एक शेर :

भले हों पाँव मेरे आज भी गर्दिश में ऐ मौला,
मगर नजरें हमारी आज भी रहती  सितारों पे !

कवि शिव इलाहाबादी
मोब.7398328084

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