बुधवार, 4 अक्तूबर 2017

Ek sher : kavi shiv allahabadi

एक शेर :-

दिल तोड़ के दरिया का पता पूछता है !
वो मुझसे मेरी मोहब्बत की खता  पूछता है !
देखता रहता है छुप छुप के झरोखों से अक्सर !
लूटकर  मुझको अब मेरी ही  दासता पूछता है !

कवि शिव इलाहाबादी
कवि एवं लेखक
मोब.7398328084
ब्लॉग www.kavishivallahabadi.blogspot.com
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