उत्तर प्रदेश में एक महिला के साथ हुई अमानवीय घटना और जनता के मूक दर्शन पर लिखी मेरी ये पंक्तियाँ :-
जब मानवता मूक बने, सज्जनता विष का वमन करे !
तब फिर कैसे कोई रावण सीता माँ को नमन करे!
वहशी के अपराध कृत्य जब मौन सम्बल पाते हों ,
तो फिर कैसे कोई अबला दुष्ट दुशासन दमन करे !
कवि शिव इलाहाबादी ’यश’
कवि एवं लेखक
Mob-7398328084
ब्लॉग- www.kavishivallahabadi.blogspot.com
All right Reserved@Kavishivallahajbadi
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें