गुरुवार, 23 नवंबर 2017

चाँद से चेहरे को समर्पित: कवि शिव इलाहाबादी

किसी चाँद से चेहरे को समर्पित :-

ऐ चाँद तेरा दीदार  करूँ तो,
कैसे ये बतला मुझको !

हर सुबह इसी उम्मीद में हो,
कब शाम ढले और तू आये !

कवि शिव इलाहाबादी
मोब.7398328084

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