मुजफ्फर नगर रेल हादसा :-
न ही काफिया , न रदीफ़ : केवल भाव
न ही ड्राइवर, न सिग्नल ,बस किस्मत की बलिहारी हूँ !
अपनी बीती किसे सुनाऊँ ,,मैं ' प्रभु ' की लाचारी हूँ !
ठीक किया यूँ ट्रैक कि जीवन की पटरी ही उखड गयी ,
मिलने की चाहत में निकले थे जिससे वो बिछड़ गयी !
' प्रभु 'की लापरवाही ने तस्वीरें कुछ यूँ रच डाली ,
भारत की जीवन रेखा ज्यों तकदीरों में सिमट गयी !
कवि शिव इलाहाबादी
कवि एवं लेखक
मोब.7398328084
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