तुम्हारे अनुरोध पर चाँद से चेहरे के लिये लिखी मेरी ये रचना :-
जिन्द्गी तेरे संग तेरे संग है खुशी !
गम भुलाने को काफी है तेरी हँसी !
चाँद से तेरे चेहरे को दिल मे बसा !
यूँ ही करता रहूँ मैं तेरी बंदगी !
कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
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