रविवार, 5 मार्च 2017

माँ पर सबसे अच्छी कविता और शेर :कवि शिव इलाहाबादी(maa par sabse achchhi kavita aur sher : kavi shiv allahabadi)

माँ पर मेरे द्वारा लिखे कुछ बेहतरीन शेर:-कवि शिव इलाहाबादी



माँ

       आग मे भी ठंडक का एहसास करा देगी,
वो माँ है-2
वो न कभी दगा देगी।
दुश्वारियाँ कितनी भी हों,फर्क नहीं पड़ता।
गर देख ले ममता की निगाहों से,
तो पहाड़ों को भी पिघला देगी।



       वो माँ थी
जिसने हमारी सलामती की
इबादत की थी।
बिना कुछ पाने की ख्वाहिस के
हमसे मिलने की चाहत की थी।

बचाया था हमको हर बला
और बुरी नजर से हर वक्त!
वो हिंदू थी मगर
दरगाहों मगर मे ज़ियारत की थी।

       हमारे हर आँसू को
उसने ही उठाया था।
रात भर जाग कर नींदों से
परवरिश की थी।
हुई आहट कोई जब भी बुरी,
मेरे सर पर,
जला खुद को मेरी माँ ने ही,
रोशनी की थी।

वो माँ थी .................................




कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
मो.-7398328084
All Rights Reserved@kavishivallahabadi
ब्लाग-www.kavishiallahabadi.blogspot.com

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