माँ क्या होती है शायद ये शेर इस बात को स्पष्ट करने के लिए काफी है:-कवि शिव इलाहाबादी
आग मे भी ठंडक का एहसास करा देगी,
वो माँ है-2
वो न कभी दगा देगी।
दुश्वारियाँ कितनी भी हों,फर्क नहीं पड़ता।
गर देख ले ममता की निगाहों से,
तो पहाड़ों को भी पिघला देगी।
कवि शिव इलाहाबादी "यश"
कवि एवं लेखक
Mob-7398328084
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Reseved@kavishivallahabadi)
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