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मंगलवार, 11 मई 2021

प्रेम और बेवफाई की गजल || मेरे दिल की दुआ तुम तक पहुंच जाती तो अच्छा था ||

वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अथवा उसको कॉपी करके यूट्यूब पर सर्च करके देखें l

https://youtu.be/GYDfXR97Lw4




मेरे दिल की सदा तुम तक पहुंच जाती तो अच्छा था,
जो वादा था किया तुमने निभा पाती तो अच्छा था l
बहुत सी प्यार की यादें भी घिरी है अब सवालों में,
अगर तुम आके उन सबको मिटा जाती तो अच्छा था l

बहुत सपने सजाए थे कभी हमने वफाओं के,
तुम्हारी ही खुमारी थी,तुम ही थे अपनी बाहों में l
मगर अब दोस्त भी वो ही भुला बैठा जो सच्चा था,
मेरे दिल की सदा तुम तक पहुंच जाती तो अच्छा था l

जमाने की ये महफिल थी मगर सब नज्म तेरे थे,
तुम्हारी ही थी सैदाई महज अंदाज मेरे थे l
मेरे हर रंग फीके हैं तू भर जाती तो अच्छा था,
मेरे दिल की सदा तुम तक पहुंच जाती तो अच्छा था l

नहीं शहनाइया बजती है अब दिल के ख्यालों में
तसल्ली ढूंढता है मन वफाओं के सवालों में l
के आकर फिर हिकारत तू दिखा जाती तो अच्छा था,
मेरे दिल की सदा तुम तक पहुंच जाती तो अच्छा था l

कवि शिव इलाहाबादी
मोबा.-7398328084

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