शनिवार, 9 सितंबर 2017

अपने मित्रों की प्रगति पर :kavi shiv allahabadi

उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर अपने सभी मित्रों को समर्पित मेरी ये पंक्तियाँ:-

सिलसिला  यूँ ही चलता रहे जीत  का ,
रौशनी प्रीत  की तुम बिखेरा करो !
ये जमाना तुम्हारे  ही गुण गायेगा  ,
बस अँधेरे  में यूँ ही सवेरा  करो !

कवि शिव इलाहाबादी 'यश'
कवि एवं लेखक
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