आप सभी को समर्पित प्रेम पर चंद पंक्तियाँ :-
मैं बताता रहा तुम छुपाने लगी ,
इस तरह कुछ मोहब्बत निभाने लगी !
राधिका के समर्पण की तस्वीर बन ,
चैन की मेरी बंशी चुराने लगी !
कवि शिव इलाहाबादी ’यश’
कवि एवं लेखक
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